Uncategorized

कौन से रत्नो को एक साथ पहनना चाहिए, कौन से नहीं – यहाँ पढ़ें …

ज्योतिष विद्या के अनुसार हमारी जन्म के दौरान ग्रहो की दशा हमारी आने वाली पूरी ज़िन्दगी पर असर करती है। कभी यह ग्रह हमारी ज़िन्दगी में खुशाली भर देते है तो कभी इनकी दशा हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर देती है । इन् मुश्किलों से लड़ने, इनका सामना करने के लिए हमे जिस शक्ति की आवस्यकता है उसके लिए ज्योतिष विज्ञान में उल्लेख है रत्नो का। रत्न जो प्रकृति की गोद में पाए जाते हैं, बहुत मूल से खनन किए जाते हैं, और ब्रह्मांडीय ऊर्जा व कंपन से भरे होते हैं जो पहनने वाले को कई तरह से लाभान्वित करेंगे।

सबसे ज्यादा ऊर्जा और फायदा करने वाले रत्न, नवरत्नों को माना जाता है। इन नवरत्नों में नौ रत्न यह है – मूंगा, माणिक, पन्ना, मोती, नीलम, पुखराज, गोमेद, आपल, और हीरा। हर एक रत्न की अपनी खासियत है। इन् रत्नो को कुंडली के हिसाब से धारण किया जाता है चूँकि इन रत्ननो के नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते है। हर एक रत्न की ताकत आपकी कुंडली के अनुकूल आप पर प्रभाव डालेगी। इसलिए यह जरूरी है की इन रत्नो को धारण करने से पहले आप अपनी कुंडली पंडित को दिखाए और ग्रहो की दशा के अनुसार ही रत्न पहने।

आप एक साथ एक से ज्यादा रत्नो को भी धारण कर सकते है परन्तु अलग अलग रत्नो के ग्रह स्वामी अलग है और यदि ये गृहस्वामी आपस में एक दूसरे के लाभ काट रहे हो तो आपको फायदे के बजाये नुकसान हो सकते है।

पुखराज रत्न – किसे पहनना चाहिए, किसे नहीं, इसे पहनने के नियम, फायदे और नुकसान

इसलिए आज हम बात करेंगे उन् रत्नो की जिन्हे आप एक साथ धारण कर सकते है।

किन रत्नो को एक साथ पहन सकते है? (kin ratno ko ek sath pehANnA chahiYe)

निचे दिए गए रत्नो को आप एक साथ पहन सकते है व् इनके लाभ प्राप्त कर सकते है :

मूंगा और पुखराज

मूंगा और पुखराज दोनों ही बहुत ही आकर्षक और प्रभावशाली रत्न है। मूंगा रत्न पानी की गहराई में पाए जाना वाला रत्न है जो कोरल पोलिप्स नामक समुद्री जीवों से बने होते हैं। पानी में मिलने वाले इस रत्न को इसके पानी के समान गुणों के लिए जाने जाता है – शांत और घनघोर।

वहीँ दूसरी ओर पुखराज रत्न को पृथ्वी की गोद से खनन करके निकला जाता है व अपने सूरज के सामान पीले रंग, सौहार्द और साहस के लिए जाना जाता है।

इन् दोनों रत्नो के लाभ इन्हे बहुत ही शक्तिशाली रत्न बनती है और इसलिए अक्षर लोगो का यह प्रश्न रहता है की क्या हम पुखराज और मूंगा एक साथ पहन सकते हैं?

जी आप बिलकुल इन् दो रत्नो को एक साथ पहन सकते है।

माणिक रत्न – किसे पहनना चाहिए, किसे नहीं, फायदे, नुकसान और धारण करने की विधि

मूंगा और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ (moonga aur pukhraj ek sath pehANne ke labh)

  • मंगल और बृहस्पति ग्रहो से होने वाले किसी बी परेशानी से राहत मिलेगी।
  • आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  • विद्या, बुद्धि और ज्ञान को बढ़ावा देने हेतु, स्मृति और एकाग्रता में सुधार होगा।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
  • ऊर्जा के स्तर को संरक्षित कर, आपकी शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाएगा। साथी ही, इसके शारीरिक-सम्बन्धी फायदों में रक्तचाप को नियंत्रित करना और स्वस्थ रक्त परिसंचरण को बनाए रखना भी शामिल है।
  • तनाव और चिंता को कम करके विश्राम और आंतरिक शांति की भावना आएगी व भावनात्मक रूप से, यह रत्नो का संगम स्थिरता लाता है।
  • सिरदर्द, खांसी और बुखार जैसी बीमारियों से उबरने में सहायता करता है।

माणिक और पन्ना

माणिक रत्न अपने खून जैसे लाल रंग और पारदर्शिता के लिए बड़ा सरहाया जाता है। इस रत्न की खूबसूरती एक बहुत बड़ा कारन है की दुनिया भर के लोग इस रत्न को पहनने के इच्छुक रहते है। हालाँकि, इसकी सुंदरता इस रत्न के गुणों का बस एक पहलु है। सूर्य ग्रह से जुड़े होने के कारन, इस रत्न क ज्योतिषी में रत्नो का रत्न कहा जाता है। मन जाता है की इस रत्न की शक्ति इंसान को साहस देती है , उसमे नेतृत्व करने की क्षमता को बढाती है व पहनने वाले के जीवन में सफलता, धन और प्रचुरता लाती है।

पन्ना रत्न अपने गहरे हरे रंग से मन को लुभा लेता है। प्राचीन काल से इस रत्न को धन और नाम लेन की इसकी ऊर्जा की वजह से जाना जाता है। साथ ही इस रत्न की इंसान को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की क्षमता भी इस रत्न को एक मूल्यवान रत्न बनाती है।

इन् दोनों रत्नो के रंग एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे लगते है, इन् दोनों की खूबसूरती के कारण इन्हे अक्सर एक साथ जेवर के रूप में पहना जाता है। ज्योतिष विद्या में भी इन् दोनों रत्नो को एक साथ पहनने पर लाभ प्राप्त होने के ही आसार नजर आते है।

जानिए इन् माणिक और पन्ना रत्नो को को एक साथ पहनने के लाभ

Rashi Ratan – राशि रत्न क्या है? जानें कौन सा रत्न किस राशि के लिए है फायदेमंद

माणिक और पन्ना रत्नो एक साथ पहनने के फायदे (manikYA aur panna ek sath pehANne ke fayde)

  • मानसिक रूप से वृद्धि होगी।
  • आपके जीवन में प्रचुरता, भाग्य और विलासिता का आगमन होगा।
  • भावनात्मक रूप से मन को शांति मिलेगी। आप आंतरिक खुशी महसूस करेंगे ।
  • माणिक रक्त प्रवाह को बढ़ाती है, जिससे ऊर्जा का स्तर और जीवन शक्ति बढ़ती है। पन्ना प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है और शरीर को विषमुक्त करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। माणिक और पन्ना एक साथ मिलकर शरीर में सामंजस्य और संतुलन की भावना को बढ़ावा देते हैं।
  • इन दोनों रत्नो का ताल मेल रिश्तो के ताल मेल को बढाकर, आपके नज़दीकी लोगो से प्यार को बढ़ाएगा।
  • माणिक और पन्ना के लाभ में मानसिक स्पष्टता और फोकस को बढ़ावा देना भी शामिल है।
  • साथ ही, आपको हृदय की समस्याएं, रक्त संबंधी विकार, श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों की समस्या, जोड़ों का दर्द, पेट और पाचन संबंधी समस्याएं और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं, इन् सब में आराम मिलेगा।


नीलम और गोमेद

नीलम रत्न का स्वामी ग्रह शनि है। यह रत्न इस ेपहनने वाले के आत्मा विश्वास व एकाग्रता को बढ़ाता है। इस रत्न के सकारात्मक प्रभाव से आप अपनी ज़िन्दगी में शीतलता और धैर्य का अनुभव करेंगे।

गोमेद का स्वामी ग्रह राहु है जिसे नीलम के साथ पहना जा सकता है | इन् दोनों को एक साथ पहनने के कई लाभ पहनने वाले को प्राप्त होंगे।

नीलम और गोमेद रत्न के कई लाभ हो सकते है परन्तु इन्हे साथ में पहनने से पहले आपको किसी पंडित से सलाह अवस्य लेनी चाहिए।

नीलम और गोमेद एक साथ पहनने के फायदे (Neelam aur gomed ek sath pehANne ke fayde)

पहनने वाले के अचानक भाग्य, धन और कामयाबी के अवसर लाता है।

  • स्वास्थ्य, संतान, मानसिक शांति, प्रतिष्ठा आदि के मामले में लाभ मिलता है।
  • शांति और शीतलता की भावना प्रदान करता है।
  • इन्हे पहनने वाले में इच्छाशक्ति बढ़ती है।
  • पहनने वाले को शक्ति, आत्मविश्वास और निडरता देकर उनके डर, चिंताओं और आत्म-संदेह को दूर करने में सहायता करते है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।


पन्ना और हीरा

पन्ना रत्न को मई में जन्म लेने वालों के लिए सबसे बड़ा रत्न माना जाता है। इस रत्न की खासियत ज्योतिष विद्या के अनुसार इसकी ऊर्जा से इससे पहने वालों को होने वाले शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक लाभो में है। यदि आप ऐसी ताकत की तलाश में हैं जो आपके जीवन को बदल सके और आपको अधिक आत्मविश्वासी और परिपक्व बनने में मदद कर सके, तो पन्ना स्टोन आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

हीरा सभी नवरत्नों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है क्यूंकि इस रत्न को किसी ओर रत्न से तोडा नहीं जा सकता है। मोह स्केल पर हीरे की कठोरता 10 होती है, जो की सबसे ज्यादा है। साथ ही हीरे की कई लाभ है। मन जाता है की हीरा आपकी ज़िन्दगी में धन और सफलता लाता है व आपको ओर आपकी त्वचा स्वस्थ व परितप्त बनाता है।

पन्ना और हीरा एक साथ पहनने के लाभ (Panna aur Heera me ek sath pehANne ke fayde)

  • बुद्धि और तार्किक कौशल में सुधार होगा।
  • आर्थिक समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।
  • संचार कौशल की रचनात्मकता को बढ़ायेगा। भाषण और अभिव्यक्ति में सुधार होगा व विचारों में स्पष्टता आएगी।
  • आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में बढ़ावा होगा।
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह से रिश्तों में सुधार होगा चूँकि सद्भाव, समझ, वफादारी और प्रतिबद्धता का आगमन होगा।
  • शारीरिक रूप से बेहतर पाचन, स्वस्थ अंग, बढ़ी हुई ऊर्जा व बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली का लाभ होगा।


कौन-से रत्न एक साथ नहीं पहनने चाहिए ? (konse ratan ek sath nihi pehANne chahiye)

रत्नो को एक साथ पहनने से जितने लाभ होते है उतने की नुकसान भी हो सकते है। ज्योतिषियों के अनुसार दो रत्नो से ज्यादा रत्न एक साथ पहनने से इन् रत्नो का नकारात्मक प्रभाव ज्यादा पढ़ सकता है, इसलिए कोशिश करे की आप ज्यादा से ज्यादा एक समय पर दो ही रत्न एक साथ पहने। इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है की आप किन दो रत्नो को एक साथ पहन रहे है।

हमने नीचे उन रत्नों के जोड़े का उल्लेख किया है जिन्हें आपको कभी भी एक साथ नहीं पहनना चाहिए

  • माणिक रत्न को हीरा और नीलम के साथ न पहने। माणिक का स्वामी ग्रह सूर्य है व हीरा का शुक्र और नीलम का शनि है, इन् ग्रहो का साथ नकारात्मक हो सकता है। साथ ही, माणिक के साथ गोमेद व लहसुनिया भी नहीं पहनना चाहिए क्यूंकि इनकी ग्रह राहु और केतु है जो की ज्योतिष ज्ञान में नकारात्मक व भारी ग्रह माने जाते है।
  • पन्ना रत्न को पुखराज रत्न के साथ न पहने साथ ही इसे मूंगा और मोती के साथ पहनने से भी बचे। पन्ना रत्न बुध ग्रह का रत्न है। पुखराज का स्वामीग्रह गुरु है बुध व मूंगा का मंगल और मोती का चन्द्रमा।
  • मोती को गोमेद के साथ पहनने से बचे। साथ ही इसे हीरा, पन्ना, नीलम और लहसुनिया के साथ पहने से पहले भी कुंडली जांच करने की सलाह दी जाती है।
  • मंगल के रत्न लाल मूंगा को पन्ना, गोमेद, हीरा, नीलम और लहसुनिया, इनमे से किसी भी रत्न के साथ न पहने।
  • यदि आपने पुखराज रत्न को पहना हुआ है तो हीरा, पन्ना, नीलम और गोमेद नहीं पहनना चाहिए।
  • नीलम रत्न को माणिक, मूंगा, मोती और पुखराज के साथ पहनने से बचे ।
  • गोमेद के साथ माणिक रत्न, मूंगा, मोती और पुखराज को पहनने से नुकसान की सम्भाना है।
  • लहसुनिया रत्न को माणिक, मूंगा, पुखराज और मोती के साथ पहनने से आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पद सकते है।
  • हीरा के साथ माणिक, मोती, मूंगा और पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।

ज्योतिष विद्या के अनुसार आपकी कुंडली में ग्रहो की स्थिति से यह तय होता है की आपको किन दो रत्नो को पहनने से लाभ होंगे। ऐसा संभव है की आपके ग्रहों की दशा आपको ऐसे रत्न पहनने की भी अनुमति दे दे जिन्हे आमतौर पर एक साथ पहनने से परहेज करने के लिए कहा जाता है। हालाँकि, ज्यादार ऐसा नहीं होता है और उल्लेखित इन् रत्नों को एक साथ नहीं पहनना चाहिए।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *